Madhu Arora

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लेखनी प्रतियोगिता -09-Mar-2022 कुछ कही कुछ अनकही

कुछ कही कुछ अनकही

सोचती हूं आज कागज पर
अपनी सब बातें लिख दूंँ।
कुछ कही कुछ अनकही
सब व्यथा  लिख दूं।
जीवन के सारे उतार-चढ़ाव
तुम संग में साझा कर दूं।
कुछ कही कुछ अनकही
सब बातें कर दूं।
तुम्हारा जीवन भी है ऐसा
सुख-दुख के तारों से बंधा।
आओ सब बातें साझा कर ले
कुछ कही कुछ अनकही
दास्तां कागज से कर दे
जीवन संघर्षों की कहानी
इसमें कभी प्यार की रवानी
कभी आते तूफान यहांँ
मौजों से उतार-चढ़ाव यहांँ
हंसकर पार इन्हें सब करते हैं
कुछ कह पाते कुछ चुप रह जाते हैं।
बातें तुम्हारी कैसे समझे
अपनी-अपनी सब कह जाते
सबको लगता है इस जहांँ में
सुखी है बस दूसरा यहांँ में
कर्मों की बस अजब कहानी
कैसे कहूं मैं अपनी जबानी।
तेरी मेरी सबकी एक कहानी।।
           रचनाकार ✍️
           मधु अरोरा
            9.3.२०२२

प्रतियोगिता के लिए

   11
6 Comments

Abhinav ji

11-Mar-2022 08:46 AM

Nice👍

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Seema Priyadarshini sahay

10-Mar-2022 04:17 PM

बहुत खूबसूरत

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Shrishti pandey

10-Mar-2022 07:43 AM

Nice

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